ज़िंदगी का भी मोल होता है,
और क़ीमत चुकानी पड़ती है।
वक़्त का इंतज़ार कर लेना,
वक़्त को वक़त ही बदलता है।
मायने कुछ नही हैं दौलत के,
हमने दिल को तुम्हारे देखा है।
टूट जाता है ख़्वाब से रिश्ता,
नींद एहसास कब कराती है।
कुछ ग़लत उनसे फिर नहीं होता,
ग़ल'तियों से जो सीख लेते हैं।
पूंछ कर देखिए, कभी ख़ुद से,
कितना हम ख़ुद से प्यार करे हैं।
कसौठी पे अपनी किसी को न कसते।
बदलना ही था गर तो ख़ुद को बदलते।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







