किस तरह आये विश्वास आजकल
दर्द के मारो के अफ़साने बहोत हे
हो सके तो संभल जाना पहले से
यहां धोखे के कीरदार बहोत हे
सीर्फ नजरो के छलावों से ना छलना
यहां हुस्नो के सौदागर बहोत हे
युही आंसू ना बहाना अपनी पलकों से
सबके हाथो में मोबाईल बहोत हे
के बी सोपारीवाला