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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

कमियाँ तो बेशक़ बहुत..

कमियाँ तो बेशक़
बहुत गिनाई तुमने,
मुझे छोड़ जाते वक़्त !!

बस वो खूबी तो बता देते,
जब पहली बार मिलते ही
मुझपे मर मिटे थे तुम !!


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (12)

+

वन्दना सूद said

वाह वाह क्या प्यार से कटाक्ष किया आपने 👌👌👏👏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह,दिल तोड़ने वाले, दूर जाकर भी,दूर नहीं जाते हो, हमें इतना क्यों सताते हो। वेदव्यास जी क्या खूबसूरत लिखा है आपने।

रीना कुमारी प्रजापत said

Ha shi hai..par ye nhi batate hai log

सुभाष कुमार यादव said

क्या कहने! लाजवाब।👌👌🙏

उपदेश कुमार शाक्यावार said

वाह...लाजवाब..सुप्रभात

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद जी, आपकी उपस्थिति पाकर मुझमें एक नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है !! आभार नमन 🙏💝💝🙏

वेदव्यास मिश्र said

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" जी, दिल टूटने का दर्द क्या होता है..ये सिर्फ वही जानता है !! सिर्फ दिल ही नहीं टूटता..उम्मीदें टूटती हैं..सपने टूटते हैं..और भी बहुत कुछ !! आपकी शायरी दिल को छू गई..मतबल मजा आ गया ! आभार नमस्कार 💝💝

वेदव्यास मिश्र said

रीना कुमारी प्रजापत जी, सवाल तो सचमुच बहुत ही छोटा है और जवाब तो उससे भी मगर नीयत का फर्क है !! मोल-तोल और जरूरत के हिसाब से रिश्ते बदलते हैं आजकल ..सच्चे इश्क़ की बहुत ही मंदी है मैम आजकल प्यार-मोहब्बत के बाजार में !! कहने में ज़रा अजीब लगता है..मगर सच तो यही है !! आभार नमस्कार रीना मैम 🙏🙏 आभार नमन !!

वेदव्यास मिश्र said

सुभाष कुमार यादव जी, आपकी प्रतिक्रिया का आना मेरे लिए बहुत ज्यादा गौरवान्वित करने वाला है !! सेल्यूट नमस्कार 🙏💝💝🙏

वेदव्यास मिश्र said

Updesh Kumar Shakyawar जी, बहुत-बहुत आभार नमन कवि हृदय सम्राट जी !! 🙏💝💝🙏

फ़िज़ा said

बहुत खूब!!

वेदव्यास मिश्र said

फ़िज़ा जी, आभार नमस्कार मैम 💝💝

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