जो मिला खुश रहो क्या ये सम्भव है।
फर्ज निभाते हुए मारो ये असम्भव है।।
जुल्म करना और सहना गलत कहते।
वफ़ा की पीर में तपना ये असम्भव है।।
सेवा भाव में रहकर मान बढ़ाया होगा।
अश्क पी पीकर रहना ये असम्भव है।।
फूल की तरह खिलकर महकना होता।
साजिशों के बिना जीना ये असम्भव है।।
कौन किसका यहाँ फरेबी है 'उपदेश'।
वक्त पर समझ पाना ये असम्भव है।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




