सर्द हवाओं का मधुर संगीत,
दिल को छू लेता ये मौसम शीत।
पत्तों की चादर बिछी धरती पर,
कुछ यादें ताजी।
कुछ पुरानी कहानी,
दिसंबर आया।
साल का अंत,
नए साल का इंतजार।
मन में एक संकल्प,
धूप की किरणें कमजोर पड़ती।
छायाओं की लंबाई बढ़ती जाती,
कोहरा छाया।
दृश्य धुंधला गया,
मन में एक सवाल उठता गया।
कितना बदल गए हम इस साल में,
कितने सपने पूरे हुए।
कितने अधूरे रह गए,
सर्दी की रातें।
चाय की चुस्की,
आग की लपटें।
मन को करती शांत,
पुराने दोस्तों से मुलाकात।
यादें ताजा होतीं,
मन होता प्रसन्न।