जब कभी वक़्त एक सा नहीं रहता
तो ज़िन्दगी की राहें एक सी कैसे रह सकती हैं ?
राहें एक सी नहीं
तो हमारा सोचना,समझना, हमारी भावनाएँ भी एक सी कैसे रहेंगी?
सही सूझ-बूझ से अपने आप को सम्भाल आसान नहीं
पर जो स्वयम् की सम्भाल गया
वही इतने उतार-चढ़ाव में भी अपने लक्ष्य को पा जाएगा ..
वन्दना सूद