कापीराइट गजल
ठहर जाओ ये मौसम बदल जाएगा
कुछ देर मेरा भी दिल बहल जाएगा
सितम ऐसा न करो, तुम अपनों पर
यूं दर्द मेरे दिल का, ये बढ़ जाएगा
तुम से दूरी अब ये सह ना पाउंगा
हर पल ये तन्हाई, में बदल जाएगा
मार डालेगी मुझे, ये जुदाई तुम्हारी
यह हंसी पल गम में, बदल जाएगा
अपनी बातों में यूं न उलझाओ तुम
ये पल यूहीं आज भी, गुजर जाएगा
काश समझ पाते तुम, बातें दिल की
तुम्हें इश्क कहां ऐसे, समझ आएगा
कभी हम पर यकीं, कर लो यादव
एक पल में यह मंजर, बदल जाएगा
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
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