मोहब्बत के रंग भी अजीब हैं।
कभी रंगीला कभी रंगहीन है।
किसके हिस्से क्या आयेगा
ये कोई नहीं जानता ।
फिरभी दिल लगाने से कोई नहीं
मानता।
चोट खा खा कर मारे मारे
फिरतें हैं।
फिरभी लव की सुनामी में
सब डटें रहतें हैं।
आंधियों में मोहब्बत की
उड़ उड़ के गिरते पड़ते हैं।
बड़े हीं ढीठ हैं यें
फिरभी लगे रहतें हैं।
है यें आसा नहीं इश्क़
ना जाने कैसे इसको
मुस्कुरा कर झेलतें हैं।
है यें इश्क़ काटें भरी
राहें।
इन राहों पर चलना
आसान नहीं।
प्यार दुःखी हो सकता
कुछ पल के लिए
पर परेशान नहीं।
प्यार एक प्यारा एहसास
प्यार तो है दुनियां में खास
प्यार से हीं क़ायम है
दुनियां समाज ।
प्यार से हीं कल और आज़
प्यार से तुम कर लो प्यार
क्या रक्खा इन हिकारतों में
इन दंग फसाद उन्मदों में
बेकार के समय बरबादो में।
प्यार तो है शामिल आबादों में
इन खूबसूरत नज़ारों में
जिंदगी की बाजारों में
प्यार खूबसूरत नज़ारों में...
प्यार खूबसूरत नज़ारों में...