कौन हूं मैं
कभी लगता है ज्ञानी हूं मैं
कभी लगता है अज्ञानी हूं मै
कभी लगता है बुद्धिजीवी हूं मैं
कभी लगता है बुद्धिहीन हूं मैं
असलियत में कौन हूं मैं
कभी लगता है खुशी हूं मैं
कभी लगता है उदास हूं मैं
कभी लगता है विश्वास हूं मैं
कभी लगता है विश्वासघात हूं मैं
असलियत में कौन हूं मैं
कभी लगता है सच का परछाई हूं मैं
कभी लगता है झूठ का छाया हूं मैं
कभी लगता है मासूम हूं मैं
कभी लगता है क्रूर हूं मैं
असलियत में कौन हूं मैं
कभी लगता है लोगों की पसंद हूं मैं
कभी लगता है लोगों की ना पसंद हूं मैं
कभी लगता है लोगों की प्यार की वजह हूं मैं
कभी लगता है लोगों की नफरत की वजह हूं मैं
असलियत में कौन हूं मैं
कभी लगता है सपनों की उड़ान हूं मैं
कभी लगता है संघर्ष हूं मैं
कभी लगता है विकट परिस्थितियों का दंड हूं मैं
असलियत में कौन हूं मैं
लेखक
शिवम् जी सहाय
पटना बिहार