तेरे नज़र-नज़र में कमाल है,
पर बन्दा बेमिसाल है !!
मैं शुरू करूँ तो कहाँ से करूँ,
तू प्रीत से मालामाल है !!
रसरंग है तू रजनीगंधा,
आधी उर्वशी आधी रम्भा !!
है मेरे लिए तू अनारकली,
मन चंगा कठौती में गंगा !!
मंथन से निकली होगी सनम,
तू कणिका कोई कमाल है !!
तेरे जैसा ना कोई यहाँ,
इस लोक में भी उस लोक में !!
तू नई है बिलकुल नई सनम,
सपनों में भी परलोक में !!
क्या रखा है मिर्ची फटाके में,
तू एटम बम धमाल है !!
काव्य एटम 🤩 बम वेदव्यास मिश्र की कलम से...
आप सभी दोस्तों को दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें 🙏🙏
शुभ दीपावली 💝💝
सर्वाधिकार अधीन है