वृक्षों की हाय
डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
वृक्षों को काटने वालों,
गरम धरती का सर्वनाश देखोगे।
खुद को कोसोगे,
सांस लेने को तरसोगे।
लकडियां काट काट कर,
वृक्षों की,
प्रकृति को जला रहे हो।
एक दिन अपनी चिता में,
लकड़ियों को तरसोगे।
लेकर हाय वृक्षों की,
तुम नोट कमा रहे हो।
बनाकर नई-नई आकृति,
वृक्ष की लकड़ियों की।
नस्लों को दफना रहे हो।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




