जुदाई में तेरी आंखें भी हमारी नम नहीं है,
तुझे जाना है तो जा हमे कोई ग़म नहीं है।
हम वो आशिक नहीं जो दगा देने पर तेरे
तन्हा बैठे रोएंगे,
हम वो मजनूं हैं जो ऐसा होने पर इंतिक़ाम में
ख़ुद को मशहूर बना हीरे सा चमकाएंगे।
हम तेरे चले जाने का मातम ना मनाएंगे,
हम जाने पर तेरी खुशियों की महफ़िल सजाएंगे।
ठीक ही होगा जो तू चला जायेगा,
कम से कम किसी धोखेबाज से नाता तो टूट जायेगा।
ऐ ख़ुदा अच्छा हुआ बहुत जल्द उसने अपना
असली रूप बता दिया,
बड़ा धोखा खाने से पहले हमे बचा लिया।
अच्छा हुआ जो तू अभी और ख़ुद ही रुख़्सत
हो गया,
बाद में तेरी हक़ीक़त जान तुझे निकालने का
कलंक हम पे ना लगा।
✍️ रीना कुमारी प्रजापत ✍️