हर पल मेरी रूह को तेरा ही बस अहसास है।
दूर होके भी तू मेरे इस दिलके बड़े पास है।।1।।
कब से लिख रहा हूँ मैं तुमको खत पर खत।
तेरी तरफ से क्यूं आता नही कोई जवाब है।।2।।
तू ना रहे गमगीन ऐसी खुदा से मेरी दुआ है।
तू समझता क्यों नहीं तेरे अंदर मेरी जान है।।3।।
एक लंबा अरसा हुआ तुझको हमें देखे हुए।
सचमें तुमसे मिलने का मेरा बड़ा अरमान है।।4।।
क्या समझाऊं दुनियाँ को मैं खुद हूं बरबाद।
मत खेलों इश्क़ से ये बर्बादी का सामान है।।5।।
ज्यादा कुछ करना नहीं किसी को हंसाने में।
खुश करो सबको ये तो खुदा का पायाम है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ