नजरें ढूँढे जिस किसी को समझ जाओ।
अगर कुछ देने का मन करे समझ जाओ।।
उसका पिछले जन्म का छूटा साथ कोई।
ये जन्म रूह का रिश्ता लगे समझ जाओ।।
कुछ पवित्र सा कुछ प्यारा सा अच्छा लगे।
यों ही 'उपदेश' हँसने लगे तो समझ जाओ।।
दिल को बहुत जाना पहचाना सा लगता।
कोई रिश्ता नही उससे अपना समझ जाओ।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




