आँखों में अश्क़ लब पे आह लिए मिलते हैं लोग
मन में दफ़न ये कितनी चाह लिए मिलते हैं लोग
कुछ नहीं हासिल किसी को यूं बेवजह सताने से
क्यूँ हर तरफ बुराई की राह लिए मिलते हैं लोग
दिल से दिल मिलते नहीं उम्र भर रहके भी साथ
हरदम मगर ये हाथ में हाथ लिए मिलते हैं लोग
तुम अगर रुठे रहोगे तो हम भी बस मर जायेंगे
उम्रभर का वादा कर खाक लिए मिलते हैं लोग
दास दुश्मन दोस्त दर्द दुआ दवा दिल दिल्लगी
जिन्दगी में यादें ऐसी साथ लिए मिलते हैं लोग II