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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

आने और जाने में

जब बाहर पढ़ता था,
छुट्टियों में घर आता था।
अब नौकरी करता हूँ तो,
छुट्टियों में घर जाता हूँ।
कितना अंतर…… है,
आने और जाने में।
ये अब समझ पाया हूँ।
आने में अपरिमित आनंद,
जाने में सब सीमित है।
🖊️सुभाष कुमार यादव




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! बहुत ख़ूब! बेहद उम्दा कलाम, सुभाष जी! 👌👌👏👏❤️🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद परवेज़ सर।🙏🙏

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

पढ़ाई के समय घर आने का आनंद कुछ और होता था पर नौकरी के समय का घर आना जिम्मेदारी को कंधों पर साथ लाना। क्या बात है सुभाष जी 👌🙏🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद समदिल सर।🙏🙏

सरिता पाठक said

बहुत सुन्दर रचना आदरणीय सर जी को सादर प्रणाम 👌🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सहित सादर प्रणाम सरिता जी।🙏

Lekhram Yadav said

बहुत ही खूबसूरत और लाजवाब रचना, सुप्रभात सहित सादर नमस्कार सुभाष जी।

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद सहित सादर प्रणाम यादव सर।🙏🙏

श्रेयसी said

भावनाओं में डुबी सच्चाई बयां करती रचना बहुत ख़ूब बहुत सुंदर 🙏🙏

सुभाष कुमार यादव replied

धन्यवाद श्रेयसी जी।🙏🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

आहा! कितनी बारीकी से आने और जाने का अंतर बयां किया है आपने सच में काबिले तारीफ है...

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