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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तब समझो आज दीवाली है

लिखन्तु परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

वैसे तो दीपावली का पर्व वर्ष भर में एक बार मनाया जाता है,
परन्तु मेरे विचार से दीपावली कब-कब मनाई जानी चाहिए,
व्यक्त कर रही हूँ अपनी रचना के माध्यम से —

जब भारत के कोने-कोने में खुशहाली ही खुशहाली हो,
तब समझो आज दिवाली है।

जब भारत के सैनिक भाई ने दुश्मन पर गोली दागी हो,
तब समझो आज दिवाली है।

जब भारत माँ के बेटे ने नारी की लाज बचा ली हो,
तब समझो आज दिवाली है।

जब किसी निर्धन बाप ने बिन दहेज के बेटी ब्याह ली हो,
तब समझो आज दिवाली है।

जब बिन दहेज लायी दुल्हन ने ससुराल में ममता पा ली हो,
तब समझो आज दिवाली है।

जब भारत के हर मानव ने भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ा हो,
तब समझो आज दिवाली है।

जब खेतों, बागों, गाँवों में हरियाली ही हरियाली हो,
तब समझो आज दिवाली है।

-सरिता पाठक




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

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मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

वाह! सरिता बहन, उम्दा विचार।एक कवियित्री की दिमाग में अलग सी दीवाली होती है। वो सिर्फ दिया तेल और बाती को जलाकर दीवाली मनाना पर्याप्त नहीं समझती बल्कि दुश्मन पर सेना का विजय,नारी का लाज बचाना , गांवों में खुशहाली सदा बनी रहे,इन बातों से दीवाली मनाना चाहती है। अति उत्तम भावों से भरी हृदयस्पर्शी कविता 👌🙏🙏🌹

सरिता पाठक replied

धन्यवाद मनोज भईया जी, सादर प्रणाम 🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

वाह! वाह! वाह! क्या कमाल का लिक्खा है आपने! ता'रीफ़ के लिए अल्फ़ाज़ नहीं मिल रहे हैं! बहुत ही शानदार, लाजवाब और बे-मिसाल रचना है जिसकी जितनी ता'रीफ़ की जाए वो कम है! 👌👌👏👏

सरिता पाठक replied

धन्यवाद परवेज़ भाई जी, आदाब 🙏🙏

Lekhram Yadav said

और........
अनाथ और बेसहारा बच्चों ने भूख मिटा ली हो,
गरीब मेहनतकश अन्नदाता की भरी हुई थाली हो
तो हम शान से कह सकते हैं कि आज दीवाली है
सरिता जी आपको दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाओं सहित सादर नमस्कार, वाकई आपने बहुत खूबसूरत और लाजवाब रचना पेश की है जिसमें उन बातों को शामिल किया जिन पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते, मगर अनाथ और बेसहारा लोगों पर कोई रहम नहीं करता, खेतों में दिन-रात मेहनतकश किसान आज भी अन्नदाता कहलाते हुए मंहगाई और गरीबी से त्रस्त है, मैं अस्ल दीवाली उसी दिन मनाऊंगा जिस दिन गरीब, अनाथ,बेसहारा और किसान खुशहाल और संतुष्ट होंगे।

सरिता पाठक replied

धन्यवाद भईया जी मेरा ध्यान गरीब, अनाथ, और मेहनत कश किसान की ओर आकर्षित करने के लिए जो किसान मेहनत कर अन्न उपजा कर हमारा पेट भरते हैं, स्वयं भरपेट भोजन भी नहीं कर पाते, अभाव ग्रस्त जीवन यापन करते हैं, सरकार भी उन सबके लिए थोड़ा बहुत कुछ कर रही है, पर वो पर्याप्त नहीं है, जो उसमें भी जो धनराशि गरीब और किसानों के लिए आती है कभी कभी तो वो पैसा उन तक पहुंच भी नहीं पाता बीच के लोग ही खा जाते हैं हमें अपने प्रधान मंत्री मोदी जी के कानों तक यह बात पहुंचानी चाहिए कि वह गरीब, अनाथ और किसानों की अधिक से अधिक सहयता करें और जांच कमेटी बिठाएं, जिससे बीच के लोग पैसा ना खा सकें, सीधे सहायता धनराशि जरूरत मंदो के पास पहुँचे, परन्तु इस काम को करेगा कौन, कोई पावर फूल व्यक्ति ही यह कर सकता है, या संगठन बनाकर ही अपनी आवाज़ उन तक पहुंचायी जा सकती है, मै तो एक गृहणी हूँ अकेली कर ही क्या सकती हूँ, बस जो मन मै विचार थे आपको बता दिए, काश कोई मेरे मन की बात को अपनी आवाज़ देकर आला अधिकारियो तक पहुंचा सके और गरीब,, किसान और अनाथ लोगों की समस्या का निदान हो सके, तब मुझे बड़ी ख़ुशी होगी, भईया जी मैंने कुछ गलत लिख दिया हो तो मुझे अपनी छोटी बहन समझकर माफ करदिजियेगा mai आपको ह्रदय से अपना बड़ा भाई मानती हूँ आपको ह्रदय से सादर प्रणाम 🙏🙏

रीना कुमारी प्रजापत said

Happy diwali 🙏 bahut sundar

सरिता पाठक replied

रीना बहुत सारा प्यार और आशीर्वाद, तुम सब को भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

सुभाष कुमार यादव said

बहुत सुंदर रचना। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ।👌👌🙏🙏

सरिता पाठक replied

आदरणीय यादव भाई साहब सादर नमस्कार 👌बहुत बहुत धन्यवाद

अनिल भारद्वाज एडवोकेट said

बहुत सुंदर रचना। सही मायने में दीपावली ऐसी ही हो तो समाज का की विकृतियां काफी हद तक सुधर जाए

सरिता पाठक replied

बहुत बहुत धन्यवाद एडवोकेट सर जी सादर नमस्कार 🙏🙏

सरिता पाठक replied

यदि आपको समय मिले तो मेरी रचना, बेटी का खत माँ के नाम रचना पढ़िए

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