दिल के करीब आकर जो महसूस हुआ।
सुकून जन्नत सा मिला मन खामोश हुआ।।
प्यार की भावना का जोर और बढ़ गया।
शहर जाने से वक्त न मिला अफसोस हुआ।।
अब सूनापन ही नही मीठी यादो में रहता।
तस्वीर तैरती रहती जब से सहवास हुआ।।
बेताबी का दौर गया 'उपदेश' आनन्द में।
एक देवी का दिल में जब से वास हुआ।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद