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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

आजमगढ़ के बदरा

ऐसे ही थोड़े ही बरस जायेंगे
आजमगढ़ के बदरा
अभी इतरायेंगे नखरे वो दिखायेंगे
मुंह फूला कर कभी इस गली
कभी उस गली में नजर आएंगे
पछुआ अरू पुरवा भौजाई संग
करेंगे अठखेलियां हजार तब
सूरज रूपी चूल्हे पर कढ़ाई
मे हमें पकायेंगे पहले लगेगा
हींग जीरा मरिच का तड़का जानदार
भूनेंगे हमें खूब अलट-पलट
कभी करेंगे आंच तेज कभी धीमा
पानी डाल फिर उबालेंगे बढ़िया
जब अच्छे से पक जायेंगे तब
मेघ बन छा जाएंगे
आजमगढ़ के बैरी बदरा
चमक चमक कर गरज गरज कर
अबकी बारी बरस जायेंगे
आजमगढ़ के बदरा,🌿
✍️ अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

रीना कुमारी प्रजापत said

वाह! बहुत खूबसूरत अर्पिता जी, आपके आजमगढ़ के बादल बड़े नखरीले है, हमारे यहां के बादल तो बरसते ही बरसते हैं तभी तो हमारे झालावाड़ को राजस्थान का चेरापूंजी कहा जाता है

Arpita pandey replied

हार्दिक आभार आदरणीया आपके यहां के बादल आप पर मेहरबान है इधर तो आसमान से आग बरस रहीं हैं

Lekhram Yadav said

अर्पिता जी, इतने अनोखे बादलों का सजीव चित्रण करने के लिए धन्यवाद।

Arpita pandey replied

धन्यवाद आदरणीय आपका बस ऐसे ही हौसला बढ़ाते रहिएगा सादर प्रणाम आपको

Vineet Garg said

बादलों का इतना सुंदर व्याख्यान बहुत अच्छे हमारे यहां भी कभी धूप कभी छांव कभी बादल बरसेंगे कभी नहीं बरसेंगे कभी इतनी गर्मी के बर्दाश्त ना हो कभी मेघ बनकर छा जाएंगे कि अबतो चलो राहत मिलेगी मगर फिर वही ,,

Arpita pandey replied

Thank you sir 🙏 🌧️ हमारे यहां तो बारिश कम होती है चारों बरस जाने के बाद बचा खुचा ही बरसता है यहां तो सितम्बर में ही बरसता है बदरा वास्तव में हम उबलने की स्थिति में ही है

Manju Sharma said

यह बदल तो कुछ ज्यादा ही अटकलिया खेल रहे हैं मगर कोई बात नहीं मजा है हर चीज का इतनी सुंदर लेखन के लिए धन्यवाद

Arpita pandey replied

Bahut bahut dhanyawad madam sadar naman

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