नयनों की नयनों से हुई वार्तालाप,
हृदय में प्रेमसंगीत का उठा आलाप,
झंकृत हो उठे मुझ संग दिग दिगंत,
आत्मा का परमात्मा से है मिलाप।
विरहाग्नि से बढ़ जाता है ज्यों ताप,
हृदय सागर से उठने लगे प्रेम भाप,
आंतरिक स्थिरता प्राप्त करने हेतु,
मानस करने लगा उनका नाम जाप।
है अद्भुत, अलौकिक उनकी छवि,
प्रातः नभ में उनकी आरती उतारे रवि,
प्रकृति कहूँ, प्रेयसी कहूँ या कहूँ कुछ,
सूक्ष्म संकेतों से बखाने उसे हर कवि।
🖊️सुभाष कुमार यादव

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




