जो पीकर हलाहल विष का प्याला
खुद संभले पूरी सृष्टि संभाला
वह शिव शंकर है बम बम भोला
ना चाहिए कुछ बस भंग का गोला।
थोड़ा प्यार लूटा दो
थोड़ा बेलपत्र भंग चढ़ा दो
फिर बाबा का आशीर्वाद पा लो।
ना जात देखते ना पात देखते
ना राजा ना रंक ना भीखड़ी देखते
ना सूर आ असुर देखते हैं
हैं भोले बाबा भाव के भूखे
वो भक्तों की भाव देखते।
हैं बड़े हीं भोले मेरे भोले बाबा
जो मांग लो दिल से
वो सब पूर्ण कर देते हैं।
और वक्त पड़ने पर
बड़े बड़े महारथियों के अभिमान
को भी चुटकी में चूर्ण कर देते हैं।
सो दिल से निर्विकार बोलो...
दिल से बोले भक्ति भाव से बोलो
शिव सब सुन लेते हैं....
शिव दुःख हर लेते हैं.....
शिव सब सुन लेते हैं....
शिव दुःख हर लेते हैं...