तुम तो पहले से भी अच्छी हो 'उपदेश',
मगर तुम्हारी परछाई बार-बार बदलती।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
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मगर तुम्हारी परछाई बार-बार बदलती।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद