बाजार मे जरूरतमंद लोग मिल जायेगे।
कुछ सस्ते की तलाश में धक्के खायेंगे।।
समझदार दुकानदार बैठे है गल्ला पर।
जरूरत पहचान कर झुकके दिखायेंगे।।
सौदा खरीद कर वापस घर जाना होगा।
उससे पहले पसन्द पर सिक्के लगायेंगे।।
हर कोई 'उपदेश' की तरह होता ही नही।
अच्छे व्यावहार के बाद भी पक्के आयेगे।।
- उपदेश कुमार शाक्यवार 'उपदेश'
गाजियाबाद