कापीराइट गजल
दीपावली के दिन
अब एक गजल मचल रही है, दीपावली के दिन
कितनी जिन्दगी बदल रही है, दीपावली के दिन
जो तान कर सीना खङे हैं देश की सीमाओं पर
ये अभिमान उन पर कर रही है दीपावली के दिन
जो करते हैं सेवा राष्ट्र की, दिल खोल कर अपना
ये सम्मान उनका कर रही है, दीपावली के दिन
जो लाचार और असहाय हैं, गरीबी के साए में
ये ख्याल उनका कर रही है, दीपावली के दिन
जो करते हैं पूजा रात-दिन, अब दौलत के लिए
ये इम्तिहान उनका ले रही है, दीपावली के दिन
जो करते हैं मेहनत रात दिन, बस जीने के लिए
ये आशिर्वाद उनको दे रही है, दीपावली के दिन
जब छा जाएगी हरियाली हर दिशा में चारों ओर
ये खुशहाली सबको दे रही है, दीपावली के दिन
जब बेटी हर गरीब की हो खुशियों से मालामाल
ये कर रही है हर दुआ कुबूल, दीपावली के दिन
उनको आसरा मिले यादव जो हो गए हैं अनाथ
तभी, मिलेगी खुशी दिल को, दीपावली के दिन
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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