संघर्षों से भरी भीड़
ये दुनिया बहुत उलझी हुई है
यहाँ जीना इतना आसान नहीं है
हर तरफ भीड़ है
भीड़ में भी भीड़ है
एक भीड़ ऐसी मिलेगी जो आपके धर्म को ख़राब करना चाहेगी
एक ऐसी भीड़ होगी जो आपके कर्म से आपको भटकाना चाहेगी
एक भीड़ होगी जो आपके चरित्र को ही बदलने की कोशिश करेगी
और एक भीड़ ऐसी जो आपको अपनों से ही दूर कर देगी
संघर्षों से भरा है यह जीवन
जो जड़ के समान अपने संस्कारों की मिट्टी से जुड़ा रहेगा
वही इस भीड़ से बच पाएगा
और अपनी अलग पहचान बना पाएगा ..
वन्दना सूद