ना जलो किसी की तरक्की पे
बल्कि जलकर किसी की रौशनी
बन जाओ।
देश दुनियां की खुशी तरक्की
विकास के लिए गल जाओ।
किस बात का गुमान है
जब एक दिन सब गुमनाम है।
ज्यादा अभिमान है तो
ज़रा शमशानों में घूम आओ
तुमसे भी बड़े बड़े सुरमा धूल
धूल हो गए।
बन के राख फिरभी बनफूल
हो गए।
हो आदमी तो आदमी रहो यारों
क्या रक्खा है इन झूठे वाद विवादों में
एक दिन तुम भी धूल बन जाओगे
लिख दिए जाओगे तुम भी एक दिन
इतिहास की किताबों में
लिख दिए जाओगे एक दिन तुम भी
इतिहास की किताबों में...