New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

अफ़साना एक राहगीर का

अफ़साना एक राहगीर का
एक अफ़साना ऐसा भी
जो फ़साना बना हर दिल का
क्या कहानी हमारी तुम्हारी
ज़रा सुनो उसकी ज़िन्दगी की रवानी..

एक राहगीर चला नयी राह
कुछ राही जुड़े ऐसे
अपनों से ही जुदा उसे कर दिया
अनजानों में भी अनजान वह रह गया..

आँखें कभी सूखी नहीं
हर शौक मिट गया उसका
अपनों के जीने के लिए जीना भी जरूरी था
सो हिम्मत को अपनी टूटने दे यह मुमकिन नहीं था

निखारा चरित्र उसने अपना ऐसा
कितनों का सारथी बन साथ निभाया
तो कुदरत ने भी उसका खूब मान बढ़ाया
उसकी आँखें अब कभी गीली न हों ऐसा उसके लिए सुंदर संसार बनाया ..

आज कितने ही अपनी थाली से उसको वात्सल्य परोसते हैं
कितने ही भाई बहन बन उसको तन्हा नहीं छोड़ते हैं
गाथा इस राहगीर की कुछ पंक्तियों में पूरी नहीं हो पाएगी
यह ऐसा अफ़साना है जो उसके मुखातिब होकर ही एहसास किया जाएगा ..
वंदना सूद




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

Updesh Kumar Shakyawar said

बहुत सही...लिखते रहिए...सुप्रभात

वन्दना सूद replied

🙏🙏

Supriya sahu said

बहुत सुंदर और लाज़वाब रचना मैम 👌, आपको सादर प्रणाम 🙏😊।

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

श्रेयसी said

शानदार लाजवाब बेहतरीन रचना 👌👌🙏🙏 लेकिन मुझे यह भी कहना है कि मैंने जब भी जिस भावना से जो कुछ भी लिखा आपने एग्जैक्ट वही समझा । भावना समझने के लिए आपको मेरी तरफ से सलाम 🤌🤝

वन्दना सूद replied

शुक्रिया जी 🙏🙏😊शायद आपके शब्द आपकी भावनाओं को बखूबी बयान करते हैं इसलिए जो कुछ आप लिखती हैं वो एग्जेक्ट समझ आता है 💐

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन