मेघा आये आंधी आयी
रिमझिम रिमझिम बरखा आयी
झूम नाचते पेड़ और पौधे
गिरती पड़ती है अमराई
उछल कूद करते मेंढक भी
मोरो ने भी ली अंगड़ाई
बार बार खुल बंद हैं होते
घर घर के खिड़की दरवाजे
कोयल कूकी, बिजली चमकी,
धरती की भी प्यास भुझ आयी,
मेघा आये आंधी आयी
रिमझिम रिमझिम बरखा आयी