विजय- डॉ एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
विजय की है आस,
रख प्रभु पर विश्वास।
बिगड़े काम बन जाएंगे,
जरूर प्रभु आएंगे।
छल कपटी हार जाएंगे
न्याय के दिन
सवर जाएंगे।
रहो पाप से दूर,
दुष्टता के समुद्र में,
डूब कर दिखता है नूर।
अहंकार में अपने रहता है, मगरूर
भोला भाला चेहरा दिखता,
रखता मन में खोट।
वक्त आ गया है,
कर्म करेंगे अपनी चोट।