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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

रीना कुमारी प्रजापत जी की रचना ये वो ही राहें हैं

ये वो ही राहें हैं ऐ हमसफ़र,
जिस पर कभी हम सफ़र किया करते थे।
ये गली,मोहल्ला,घर वही है,
जिसमें कभी हम बसर किया करते थे।

ये वो ही दिल है,
जिसमें कभी हम धड़कते थे।
ये इज़्ज़त,ये आबरू वही है,
कभी जिसकी ख़ुशबू से हम महकते थे।

ये दरिया,ये समंदर वही है,
जो कभी हमारे पैरों को छुआ करते थे।
ये गुल,ये गुलशन वही है,
कभी जिसकी शान हम हुआ करते थे।

ये ज़ुबां वही है,
जिस पर कभी मेरा नाम हुआ करता था।
ये हाथ,ये आँखें वही हैं,
जो कभी फ़क़त मेरी ही दास्तां लिखा करते थे।

ये जाड़े का कोहरा, ये गर्मियों की
चिलचिलाती धूप वही हैं,
जो कभी मेरी दास्तां हर गली कूचों में
सुनाया करती थी।
ये वैशाखी शाम की ठंडी हवा,ये कोयल,
ये पपीहा वही हैं,
जो कभी मेरी ही ग़ज़लें गाया करते थे।

~रीना कुमारी प्रजापत




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (6)

+

Muskan Kaushik said

बहुत खूब👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया

आदर्श भूषण said

Man Jeewant ho utha rahon ki baat chalti hai to bahut si kavitayein or vaktavya smaran ho aate hain unme yeh ek sundar vaktavya ya kahein kavita shamil hoti hai👏👏👏👏👏👏

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत आभार आपका भूषण जी, आपकी प्रतिक्रिया पाकर बहुत खुशी हुई

कमलकांत घिरी said

बहुत खूब रीना दीदी👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanku kamalkant ji apko hamari kavita pasand aai isliye bahut khushi hui Jabki isase bhi zyada khushi is baat ki hai ki apne hame didi kaha Thanku so much once again

श्रीकांत द्विवेदी said

Bahut Sundar kya aap mujhe bata sakte hain ki main apni Kavita yahan kaise likh sakta hun

रीना कुमारी प्रजापत replied

Thanks Is site par account banakar publish kar sakte hai

कमलकांत घिरी said

बहुत अच्छी रचना है.👌

रीना कुमारी प्रजापत replied

शुक्रिया कमलकांत जी

Lekhram Yadav said

ऊं हूं आपकी कविता अच्छी ही नहीं, बेस्ट है बेस्ट।

रीना कुमारी प्रजापत replied

बहुत बहुत धन्यवाद कि आपको मेरी कविता इतनी अच्छी लगी दिल से शुक्रिया

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