चाय से इश्क हुआ बहाना तुम बनी।
कडक मिजाज में मिठास की धनी।।
हल्की सांवली बेहद गर्म महकती हुई।
कुछ जड़ी-बूटी के प्रबंधन की धनी।।
अदरक को कूटकर उबालती'उपदेश'।
मोहब्बत में कच्छेदार बातों की धनी।।
स्वाद की इच्छा रखने वाले आए गए।
खूब तेज तर्रार तर्क-वितर्क की धनी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद