वो कहते अच्छा सोचो तो अच्छा होगा।
अगर किरदार खुदा भेजेगा सच्चा होगा।।
रंगते बखूबी देखी गई थीं एक ज़माने में।
नया नया सुरूर जागा रिश्ता बच्चा होगा।।
हर शब्द पर तवज्जो दी अधूरा निकला।
ज़ख्मी हो गया शायर प्यार कच्चा होगा।।
कहानी चली जरूर गुनगुनाने के पल गए।
तबियत खराब करने का कोई मोर्चा होगा।।
न किसी से बात करते न मिलते 'उपदेश'।
नशा में डूबे रहने का फलसफा रचा होगा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद