रास्ते पर,जो पत्थर मिले
हटाते हटाते चले
गीत जो भी मन में आया
गुनगुनाते गुनगुनाते चले
किसी ने ताने दिए
किसी ने बहाने दिए
सबको अपना समझे
अपनाते अपनाते चले
फूलों संग कुछ कांटे भी रख लिए
स्वयं ही राह पर
बिछाते बिछाते चले।
सर्वाधिकार अधीन है