भगवान से माँगता हूँ दिन रात,
करोड़पति बना दे मुझे,
यह मेरी है आशा घात।
लॉटरी का टिकट खरीदता हूँ,
हर दिन सपने नए बुनता हूँ।
खजाने की खोज में निकलता हूँ,
दुनिया भर की यात्रा करता हूँ।
सोचता हूँ, एक दिन बन जाऊँगा मैं राजा, महलों में रहूँगा, गाड़ी चमकाऊंगा।
करोड़ों रुपये होंगे मेरे पास,
खूब करूंगा खर्च, बड़ी बड़ी दावतें दूंगा।
मैं बन जाऊंगा सबसे बड़ा दानवीर,
दूंगा करोड़ों रुपये गरीबों को, फिर।
किन्तु भूल जाता हूँ ये बात,
कि पैसा सब कुछ नहीं होता है।
खुशी खरीदने के लिए पैसे नहीं लगते,
प्यार और मोहब्बत से ही दिल लगते।
करोड़ों रुपये होने से क्या फायदा,
जब कोई साथ न हो,
कोई अपना न हो।
पैसा तो आता जाता रहता है,
पर सच्चे रिश्ते ही हमेशा साथ निभाते हैं।
तो क्यों ना मैं खुश रहूँ इसी पल में,
क्यों ना मैं दूसरों की मदद करूँ।
क्यों ना मैं कुछ अच्छा करूँ,
इस दुनिया के लिए,
तभी तो मेरा जीवन होगा सार्थक।
भगवान से माँगता हूँ एक नया वरदान,
मुझे एक अच्छा इंसान बना दे।
मुझे दूसरों की सेवा करने का मौका दे,
मुझे खुश रहने का तरीका बता दे।