अगर प्यार रिमझिम बरसे भीगने का मजा आए।
तुम्हारा मन बदल जाए भीगता मौसम रास आए।।
जिसके भी हो अहसान उस दौर के पटाने लायक।
बखूबी चुकाए जाए सूझबूझ फितरत को रास आए।।
शिकवे गिले की बात कुछ देर के लिए छोड़ी जाए।
मोहब्बत में सब मिट जायेगे मोहब्बत खास आए।।
थोड़ी सी और कमजोर हो जाए याद्दाश्त दोनों की। वही बचपन की मासूमियत आकर प्यास बुझाए।।
कैसे दिन गुजारे प्यासे रहकर 'उपदेश' हमने तुमने।
मौका मिला तकदीर से जाने ना पाए पास बुलाए।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद