कविता : औरत....
जिसके घर पर रहती
औरत है
उसके पास धन पैसा
शोहरत है
बच्चे पैदा करना हो तो
औरत ही करती है
अपना दूध पिला कर बच्चों
का पेट वही भरती है
छोटे से लेकर बड़े होने
तक बच्चों को देखती है
हर बखत बच्चों का
वही खयाल रखती है
औरत तो मर्द
के लिए शान है
वास्तव में औरत
बहुत महान है
औरत से ही मर्द का
रोशन नाम है
बगैर औरत के तो
मर्द का क्या काम है ?
बगैर औरत के तो
मर्द का क्या काम है .......?
netra prasad gautam

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




