चंद्रमा मानो मोती सा चमकता है,
मानो आकाश में नूर बिखरा है।
सूर्य उगता है,
मानो सोने का गोला आसमान में तैरता है। बादल घिर आए,
मानो श्याम रंग का चादर ओढ़ लिया है। बारिश की बूंदें,
मानो मोतियों की माला टूट रही है।
पहाड़ ऊँचे-ऊँचे,
मानो आसमान को छूने को उतावले हैं। नदियां बहती हैं,
मानो सफेद साड़ी पहनकर नाच रही हैं।
पेड़ हरे-भरे,
मानो धरती की शान हैं।
फूल खिले हुए,
मानो रंग-बिरंगे तितलियाँ उड़ रही हैं। चिड़ियों की चहचहाहट,
मानो मीठा सा संगीत बजा रही है।