एक निमंत्रण पत्र- सम्पादक जी के नाम भाग-5
महोदय
एक अच्छे निमंत्रण कर्ता के रूप में मेरा यह कर्तव्य बनता है कि मैं अपने सैक्टर और शहर के मौसम, बारिश, गलियों, सड़कों और निवासियों के बारे में जानकरी दे दूं ताकि आपको हर पहलू के बारे में अवगत कराया जा सके और यहां तक पहुंचने में आपको कोई असुविधा न हो।
वैसे तो अपने शहर में इन्द्रदेव कमही प्रसन्न होते हैं, लेकिन जब कभी वे प्रसन्न या कुपित होते हैं तो इस शहर का मिजाज रोमांटिक होने लगता है। इन्द्रदेव के प्रसन्न होने पर जब हल्की सी बारिश भी होती है तो इसकी हल्की-हल्की बूंदें हमारा मन मोह लेती हैंऔर सभी शहरवासी इसका जम कर आनन्द लेते हैं। लेकिन जब इन्द्रदेव कुपित हो जाते हैं तो शहर में ही क्या पूरे शहर में हाहाकार मच जाता है।और इसकी गूंज समूचे विश्व भर में सुनाई देती है। शहर के बड़े-बड़े व्यवसायी तालाब की तरह पानी से लबालब भरी सड़कों पर नौकायन प्रतियोगिता का आयोजन करने के लिए बड़े ही उत्साह से होर्डिंग कैम्पेन चलाने के लिए पीछे नहीं रहते। फिर मिडिया वालों की तो जैसे लाटरी लग जाती है। टीवी चैनलों की टीआरपी अचानक कुम्भकर्णी नींद से उठकर युवा होकर अंगड़ाई लेने लगती है और कई अधिकारियों की नींद हराम कर देती है।
खैर छोङिए, हम अपने सैक्टर के बारे में बात करते हैं। हमारे सैक्टर कामौसम बारह मास खुशक रहता है, सिवाय बारिश के दिनों को छोड़कर। इस शहर का अद्भुत नजारा पेश करने के लिए हमारे सैक्टर की मुख्य गली ही काफी सौभाग्यशाली और मनमोहक है। यूं कहिए कि हमारी गली का नजारा पूरे शहर के रोल मॉडल की तरह है। हमारी मुख्य सड़क और तिकोना पार्क
सर्वाधिकार अधीन है