पेड जमीन को छोड़ कर नही जाते।
कोयल मुस्कुराती जब बसन्त आते।।
जितना जमीन से ऊपर उतना नीचे।
पेड़ किसी का हो शीतल छाया लाते।।
फूल से फल बनाकर डाली झुक गई।
कंकड मार कर बच्चे फल को गिराते।।
स्वाद मन मोहक होता पके फलो का।
उनको लेकर 'उपदेश' शहर को जाते।।
- उपदेश कुमार शाक्य वार 'उपदेश'
गाजियाबाद