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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

हे प्रियतमा 😍

हे प्रियतमा..हे मेरी पत्नी,
हे अर्धांगिनी..हे मेरी संगिनी !!

तुम बिन बगिया है मेरी सूनी,
तुम ही लुगाई हो धर्मपत्नी !!

कसम तुम्हारी सच्ची-मुच्ची,
तुम ही हो बस मेरी घरवाली !!

धन्य हुआ पाके बीवी तुमसी,
औरत भी हो अब तुम मेरी !!

गृहस्वामिनी बनके रहना,
प्राणप्रिया दिल में बसती हो !!

गृहिणी भी तुम जोरू भी तुम,
न अति आरी नारी भी हो तुम !

जीवनसंगिनी रूठ न जाना,
भले कहे तिरिया ये जमाना !!

जब दुलहन बन कर आये थे,
सहगामिनी बन छाये थे !!

श्रीमती तुझसी कोई न दूजा,
हर दिन तुम्हरी मैं करूँ पूजा !!

अब हो प्राण की प्राणेश्वरी तुम,
तुमसे ही रौशन ये घर-आँगन !!

🙏हर वाइफ को समर्पित एक बेहतरीन
गीत वेदव्यास मिश्र की समर्पित😍कलम से..


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है
 हे प्रियतमा..हे मेरी पत्नी      हे अर्धांगिनी..हे मेरी संगिनी !! तुम बिन बगिया है मेरी सूनी      तुम ही लुगाई हो धर्मपत्नी !! कसम तुम्हारी सच्ची-मुच्ची      तुम ही हो बस मेरी घरवाली !! धन्य हुआ पाके बीवी तुमसी      औरत भी हो अब तुम मेरी !! गृहस्वामिनी बनके रहना      प्राणप्रिया दिल में बसती हो !! गृहिणी भी तुम जोरू भी तुम      न अति आरी नारी भी हो तुम ! जीवनसंगिनी रूठ न जाना      भले कहे तिरिया ये जमाना !! जब दुलहन बन कर आये थे      सहगामिनी बन छाये थे !! श्रीमती तुझसी कोई न दूजा      हर दिन तुम्हरी मैं करूँ पूजा !! अब हो प्राण की प्राणेश्वरी तुम      तुमसे ही रौशन ये घर-आँगन !! 🙏हर वाइफ को समर्पित एक बेहतरीन गीत वेदव्यास मिश्र की समर्पित😍कलम से.. 


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

वन्दना सूद said

वाह sir
बहुत खूब 👌👌👏👏🙏🙏😊

वेदव्यास मिश्र said

वन्दना सूद मैम जी,
आभार खुशदिल हृदय से 🙏🍵⛱🌈🥰🙏

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