है तू अभिमन्यु जीवन के चक्रव्यू का
तोड़ दे दंभ जयद्रथ दुर्योधन कर्ण का
है दूर अर्जुन उस चक्रव्यू से तो क्या
उड़ा दे धूल दुश्मनों के व्योम पर
ना नज़र आए प्रतिबिंब उस सूर्य का
कर तू युद्ध कर प्रतिकार कुरु सेना का।
है तू अभिमन्यु तू अर्जुन पुत्र है
तू सूर्य से भी चमकीला तू ओजपूर्ण
परिपूर्ण है।
तू निपुण ज्ञानी तू पांडव आज्ञाकारी
तू तोड़ दे घमंड कौरवों के अभिमान का
तेरे देशरूपी हस्तिनापुर का लाज
तुझ से हीं है।
तेरा गौरवशाली इतिहास है
तू अग्नि वायु जल इस धरती
इस आकाश में व्याप्त है।
तू दुश्मनों को आफ़त है
तू गरीबों की चाहत है।
तू भारत भारती
तू लक्ष्मी नारायण सरस्वती
तू ब्रह्मा विष्णु महेश हैं।
तू योद्धा है तू अभिमन्यु है
तुझमें आग है
तुझमें राग है
तू हस्तिनापुर की शान है।
तू इतिहास का धरोहर
भारतवर्ष का सोहर
तू जोहार है
तू वीर मस्त तेरे दुश्मन पश्त
तू जीवन का आविष्कार है
तू जीवन का आधार है
तेरा कोटि कोटि सम्मान है
तू बड़ा महान है
तू भारत की शान है।
तेरे विरता से हीं भारत की
पहचान है।
तू महान तेरा देश महान है...
तू महान तेरा देश महान है...