दोष ही ढूंढे सदा
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
जो हर किसी में दोष ही ढूंढे सदा,
और अच्छाई की एक बात न माने।
यह घृणा है एक ऐसा चश्मा,
जो हर रंग को भी काला ही जाने।
यह सहयोग की भावना को मारे,
और अलगाव का बीज ही बोए।
दूसरों के सुख से दुखी हो जो,
वह घृणा के सागर में सदा ही खोए।
यह मन को संकुचित कर देती है,
और बड़े विचारों को आने न दे।
अपनी नफरत की दीवारों में कैद,
कभी खुलकर साँस न लेने दे।
यह प्रगति के पथ में भी रोड़ा बने,
और मेल-मिलाप को दूर करे।
घृणा से भरा हुआ इंसान कभी,
किसी के दिल को जीत न सके।
तो जीतो इस घृणा पर तुम अपने,
यही है जीवन की सच्ची जीत।
सद्भाव और मैत्री का मार्ग चुनो,
तभी मिलेगी सच्ची प्रीत।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




