जिंदगी की राहों में जो रुका, वो लहरों से हर बार हारा,
जो बदला, वही जीता, वही नया सूरज था, जो अब भी उबारा।
समय की धारा में बहते हुए हम, हर मोड़ पे बदलाव आया,
हर सुबह नई उम्मीदें लाए, और हर रात ने कुछ सिखाया।
सपनों को जब पंख मिले, तो उड़ने का तरीका बदला,
जो खड़ा था उसी राह पे, उसका हौंसला बढ़ा, और हर कदम ढलने से पहले हर दिशा बदली।
जो बुरा माना उसने कल, वही अच्छाई आज में मिली,
रुकावटें सब पीछे छोड़ दीं, और फिर से जीवन को नया आकार दिया।
हमारे अंदर सजे जो डर थे, वो अब चुनौती में बदल गए,
जिनसे कभी भागे थे हम, आज वही रास्ते हमें अवसरों में बदल गए।
हमेशा क्या वही होगा जो तय था? अब हमें खुद से सवाल करना है,
क्योंकि परिवर्तन ही तो जीवन का सबसे सच्चा नियम है।
कभी आलस से जीते थे, अब उत्साह से हर दिन सजाते हैं,
कभी भरोसा था टूटने का, अब हम हर रुकावट को तोड़ते जाते हैं।
जिंदगी है एक चलती धारा, जो रुक जाए तो मिट जाए,
पर अगर उसे समझ लिया, तो वही जीवन सबसे सुंदर हो जाए।
परिवर्तन ही जीवन का नियम है, इसे अपनाओ और नया अध्याय लिखो,
हर कदम में नई शक्ति और नया साहस मिलेगा, अब यही जीवन का असली भव्य रंग होगा।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




