इतिहास की खिड़की
डॉ.एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"
आज दिवस है ज्ञान का पावन,
विश्व संग्रहालय का अभिनंदन।
इतिहास की खिड़की खुली है देखो,
संस्कृति का बहता अभिनंदन।
देखो पत्थरों में युगों की बातें,
चित्रों में जीवन की सौगातें।
कला और विज्ञान का संगम,
अतीत से वर्तमान की ये रातें।
ये मौन खड़े हैं साक्षी युगों के,
कहते कहानियाँ अपने दम के।
आओ मिलकर करें सम्मान इनका,
ये धरोहर हैं अपने श्रम के।
मिट्टी से निकली सभ्यता पुरानी,
धातुओं की कहती अमर कहानी।
वस्त्रों में लिपटी है परंपरा देखो,
हर कोने में ज्ञान की रवानी।
ये यादों के अनमोल खजाने,
पीढ़ी दर पीढ़ी पहुँचाने।
आओ मिलकर करें इनका पूजन,
ज्ञान का ये है पावन पूजन।
विश्व संग्रहालय दिवस आया,
ज्ञान का अद्भुत रंग छाया।
पुरानी यादों की ये नगरी,
हर कोने में है कथा समाया।