यह मानव तन अनमोल कहीं। सम्मान अपमान बोल कहीं।।
सदाचरण का हो मोल कहीं। दुराचरण का हो मोल नहीं।।
धन बल विद्या का मोल कहीं। इर्द गिर्द यह संसार कहीं।।
चाहें सब चाहत हो पूरी। चाहें जो भी हो मजबूरी।।
कुछ लोग सफल हो जाते हैं । कुछ लोग विफल हो जाते हैं।।
चाहने से नहीं कुछ होता। चीखें चिल्लायें ना होता।।
भाग्य भरोसे ना कुछ मिलता।नहीं भगवान कुछ दे पाता।।
दृढ़ संकल्प कठोर इरादा। पूरा करता है सब वादा।।
जानो सभी चुनौती बाधा। प्रयास न करो अधुरा आधा।।
योग्यता रूचि क्षमता जानो। अपने को अपने पहचानो।।
कर्मवीर ही फुलता फलता। कोई ना रोक कभी पाता।।
परिश्रम तो लाजबाब होता। सब कर्मों के अधीन होता।।

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




