परिंदों से कह दो...
अभी ना जाए,
चमन को छोड़कर...
नए सब्ज बाग आने वाले है...!!
थोडा़ अकीदा रखे शजरोें पर...
ये फिर से महकने वाले है...!!
बिन इनके गुलशन...
सूना सूना हो जायेगा...!!
तन्हा होकर यहां का...
हर दरख़्त ही सूख जाएगा...!!
✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️