मन का दर्पण
शिवानी जैन एडवोकेट
सोच एक दर्पण है मन का, जैसा देखो वैसा पाओगे,
सकारात्मकता भरोगे गर, तो उज्ज्वल भविष्य पाओगे।
नकारात्मक विचारों का बादल, घेर लेगा यदि मन को,
तो हर राह धुंधली दिखेगी, हर सपना खो जाएगा।
यह सोच ही तो बनाती है, जीवन को स्वर्ग या नरक,
आशा का दीप जलाओगे तो, हर पल होगा आलोकित।
चिंता की आग में जलोगे गर, तो सुख भी राख हो जाएगा,
इसलिए अपनी सोच को बदलो, जीवन सुंदर बन जाएगा।
यह मन की शक्ति अनमोल है, इसे व्यर्थ न जाने दो तुम,
सकारात्मक विचारों से ही, हर मुश्किल को जीतो तुम।
सोचो अच्छा, करो भी अच्छा, यही जीवन का सार है,
अपनी सोच को बदलो प्यारे, यही उन्नति का द्वार है।