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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

शेर को मत ललकार डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"

शेर को मत ललकार
डॉ. एच सी विपिन कुमार जैन "विख्यात"

वन का राजा वो, अपनी ही शान में जीता,
मत ललकारो उसको, क्यों मौत को है रीता?
शांत स्वभाव है उसका, जब तक न छेड़ो तुम,
गर क्रोधित हो उठा, तो मिट जाएगा हर दम।
उसकी दहाड़ से काँपेगी ये धरती सारी,
उसके नखों की खरोंच, करेगी बेचारी।
मत बनो नादान, मत करो ये भूल भारी,
सोते हुए सिंह को ललकारना है ख़तरनाक भारी।
अपनी मस्ती में वो वन में विचरता है,
अपनी ही मर्ज़ी का मालिक बन फिरता है।
क्यों छेड़ना उस शक्ति को, जो है अपरंपार,
क्यों बुलाना मुसीबत को, क्यों करना बेकार?
उसकी एक हुंकार से मच जाएगा हाहाकार,
बचेगा न कोई प्राणी, न पाएगा कोई प्यार।
इसलिए ओ नादान मानव, समझ ले तू ये बात,
शेर से बैर करना, है अपनी ही मौत की दात।
रहने दो उसको अपनी ही दुनिया में खुश,
मत करो ऐसा कर्म, कि हो जाओ तुम बेवश।
उसकी गरिमा का करो सम्मान दूर से ही,
वरना पछताओगे तुम, रह जाओगे कहीं के नहीं।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam Rachna Adarneey Dr Sir Saadar Pranam 🙏🙏

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