नीले आसमान में, मैं भी उड़ना चाहता हूं
स्वच्छंद परिंदों के,पर कुतरना चाहता हूं
गुलशन - ए- दिल में, गुल - ए मोहब्बत बन
चंद लम्हों के लिए, यूं ही महकना चाहता हूं
करके इश्क किसी, जवां हमनशीं से
वादा -ए- वफ़ा से,झट मुकरना चाहता हूं
कीचड से भरा है,ईमान का दरिया
बेईमानी की कश्ती, ले विचरना चाहता हूं
बदल गई है आज, आजादी की रवायतें
ऊंचे लोगों की तरह, मैं भी रहना चाहता हूं
चला था जिंदगी की सफर में,मुद्दत से
शहरे कयामत में,अब ठहरना चाहता हूं
" समदिल" चला अब, पश्चिम की ओर
ऐ पूरब के लोगों,आगाह करना चाहता हूं।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




