अपनी हर प्रतिक्रिया को याद रखना।
अपने शब्दों के बाण को याद रखना।
शब्दों के खंजर से घायल मन को याद रखना।
सुना है, लौटते हैं कर्म।
पता पूछते पूछते।
अमृत दिखाकर विष को ध्यान रखना।
झूठी सहानुभूति की अनुभूति याद रखना।
सुना है लौटते हैं कर्म।
व्यक्ति को ढूंढतेढूंढते।
संसार की जो किताबें पढ़ी हैं,
कर्मों की कहानी उससे भी बड़ी है।
हर साल किताबें नहीं बदलती,
कर्मों की।
बस जो लिख गया,
वही आखिरी परिणामहै।


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







